CBSE Changed rules of Examination ;
सीबीएसई ने परीक्षा का अपना नियम बदल दिया है अगले साल से 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा अब एक बार होगी।
नौवीं व दसवीं तथा 11वीं व 12वीं की परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव किया गया है।
गोरखपुर, प्रभात कुमार पाठक।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) फिर पुरानी राह पर लौट आया है।
अगले साल से 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा अब एक बार होगी।
इसको लेकर बोर्ड ने नौवीं व दसवीं तथा 11वीं व 12वीं की परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव किया है।
ऐसी होगी नई शिक्षा नीति, 40 प्रतिशत सवाल समझ पर आधारित होंगे
नई शिक्षा नीति के तहत बदली गई परीक्षा प्रणाली में 10वीं में 40 प्रतिशत सवाल समझ पर आधारित होंगे।
इससे बच्चों के रटने की प्रवृत्ति पर विराम लगेगा।
इसमें केस आधारित सवाल होंगे। इसके अलावा 20 प्रतिशत सवाल वस्तुनिष्ठ होंगे। 40 प्रतिशत सवाल लघु उत्तरीय होंगे।
रटने से नहीं चलेगा काम, समझ कर लिखने पर ही आएंगे अच्छे नंबर
इसी तरह बारहवीं की परीक्षा में आने वाले सवालों में जो बदलाव किए गए हैं उसके तहत 50 प्रतिशत सवाल लघु एवं दीर्घ उत्तरीय पूछे जाएंगे।
जबकि 30 प्रतिशत समझ आधारित तथा 20 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ सवाल होंगे।
सीबीएसई स्कूलों की शिक्षकों की मानें तो विद्यार्थियों को रटना छोड़ना होगा, अब उन्हें समझकर पढ़ाई करनी होगी।
तभी वे ऐसे सवालों के सही उत्तर दे पाएंगे। बोर्ड ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि हाईस्कूल व इंटर की आंतरिक परीक्षा प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
जिस तरह स्कूल पहले आंतरिक परीक्षा लेते थे, उसी तरह आगे भी लेते रहेंगे।
ऐसा होगा प्रश्न पत्र का प्रारूप नौवीं और 10वीं
कुल अंक: 100
समझ आधारित प्रश्न: 40 प्रतिशत
वस्तुनिष्ठ प्रश्न: 20 प्रतिशत
लघु व दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: 40 प्रतिशत
11वीं और 12वीं
कुल अंक: 100
समझ आधारित : 30 प्रतिशत
वस्तुनिष्ठ प्रश्न: 20 प्रतिशत|
लघु व दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: 50 प्रतिशत।
बोर्ड ने साल में एक बार परीक्षा को लेकर आदेश जारी कर दिया है। साथ ही प्रश्न पत्र के प्रारूप में भी बदलाव किया है।
बच्चों को इस बारे में जानकारी देने के लिए विद्यालयों को निर्देशित कर दिया गया है। - अजित दीक्षित, जिला समन्वयक, सीबीएसई।
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