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Train Cancelled: Railways canceled 670 trains for the next one month, know what is the big reason
- By The Rahul Sinha
- On April 28, 2022
- No Comment
Train Cancelled: भारतीय रेलवे में एक बार फिर अगले 1 महीने के लिए कुछ गाड़ियों को रद्द करने का फैसला किया है. रेलवे के मुताबिक, आगामी 24 मई तक 670 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.
देश में बिजली की खपत बढ़ने और कोयले की कमी को देखते हुए रेलवे ने अगले एक महीने तक 670 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया है.
साथ ही कोयले से लदी मालगाड़ियों की संख्या भी बढ़ा दी है.
देश में इस साल भीषण गर्मी पड़ रही है और इस कारण अप्रैल के महीने में ही बिजली की मांग बहुत बढ़ गई है.
बिजली की मांग बढ़ने से कोयले की खपत भी बढ़ गई है.
यही वजह है कि अब पावर प्लांट्स के पास कुछ ही दिनों का कोयला रह गया है.
इसकी वजह से देश में बिजली संकट खड़ा हो गया है.
इस स्थिति से बचने के लिए रेलवे ने अपनी ओर से पूरा सहयोग देने का प्रयास शुरू कर दिया है.
देश में कोयले की ढुलाई का काम सबसे अधिक रेलवे द्वारा ही किया जाता है.
कोयले की कमी को देखते हुए रेलवे ने रद्द कीं 670 ट्रेनें
दरअसल, कोयले की बढ़ी हुई जरूरत को पूरा करने के लिए रेलवे पर इसकी ढुलाई का दबाव बढ़ लगातार बढ़ता जा रहा है.
इसी वजह से रेलवे को पिछले कुछ हफ्तों से रोजाना 16 मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को रद्द भी किया था.
कोयले से लदी मालगाड़ियों को रास्ता देने के लिए रेलवे ने कदम उठाया है.
अगले 1 महीने के लिए कुछ गाड़ियों को रद्द करने का फैसला
फिलहाल रेलवे में एक बार फिर अगले 1 महीने के लिए कुछ गाड़ियों को रद्द करने का फैसला किया है.
रेलवे के मुताबिक, आगामी 24 मई तक 670 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.
इनमें 500 से अधिक ट्रेनें लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं.
इसके साथ ही रेलवे ने कोयला लदी मालगाड़ियों की औसत संख्या भी बढ़ा दी है.
अब रोजाना 400 से ज्यादा ऐसी ट्रेनों को चलाया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने कोयले की ढुलाई के लिए रोजाना 415 मालगाड़ियां मुहैया कराने का फैसला किया है ताकि कोयले की मांग को पूरा किया जा सके.
इनमें से हर मालगाड़ी करीब 3,500 टन कोयला ढोने में सक्षम है.
जुलाई-अगस्त के बाद ये संकट टल जाएगा
इससे पावर प्लांट्स में कोयले का भंडार बढ़ाने के लिए कम से कम अगले दो महीने तक यह व्यवस्था जारी रहेगी जिससे जुलाई-अगस्त के बाद ये संकट टल जाएगा.
उल्लेखनीय है कि जुलाई-अगस्त में बारिश के कारण कोयले का खनन सबसे कम होता है.
रेल मंत्रालय के मुताबिक धर्मसंकट की स्थिति
रेल मंत्रालय के अनुसार, "कई राज्यों में पैसेंजर ट्रेनों के रद्द होने का विरोध हो रहा है.
लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.
अभी हमारी प्राथमिकता यह है कि सभी पावर प्लांट्स के पास कोयले का पर्याप्त भंडार हो ताकि देश में बिजली का संकट पैदा न हो. हमारे लिए यह धर्मसंकट की स्थिति है.
हमें उम्मीद है कि हम इस स्थिति से बाहर निकल जाएंगे.
अधिकारी ने कहा कि पावर प्लांट्स देशभर में फैले हैं, इसलिए रेलवे को लंबी दूरी की ट्रेनें चलानी पड़ रही है.
बड़ी संख्या में कोयले से लदी मालगाड़ियां 3-4 दिन के लिए ट्रांजिट पर हैं. ईस्टर्न सेक्टर से बड़ी मात्रा में घरेलू कोयले को देश के दूसरे हिस्सों में भेजा जा रहा है."
इस साल कोयले की मांग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी
वहीं रेलवे के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2016-17 में रेलवे रोजाना कोयले की ढुलाई के लिए 269 मालगाड़ियां चला रहा था जबकि 2017-18 और 2018-19 में इस संख्या में बढ़ोतरी हुई थी.
पिछले साल रोजाना ऐसी 347 मालगाड़ियां चलाई गई और गुरुवार तक यह संख्या रोजाना 400 से 405 पहुंच गई.
अधिकारियों का कहना है कि इस साल कोयले की मांग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है और कोयले की ढुलाई के लिए रेलवे पसंदीदा जरिया बना हुआ है.
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Rahul Sinha is a Activist, Educationalist, Mentor, Speaker with great personality, Founder, Chairman at Shining Souls (Trust), Smart Move Academy with over a decade of experience in Social Activities & Educational Development for rural areas of India and for other lending institutions. He holds a Master degree in business administration (MBA) from the Symbiosis Institute of Business Management – SIBM, Pune.
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