AICTE's big decision, in 12th class without Physics, Chemistry and Maths will be able to take admission in these undergraduate courses


अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषषद (एआइसीटीई) द्वारा मंगलवार को 2022-23 के लिए जारी मंजूरी प्रक्रिया हैंडबुक के मुताबिक आर्किटेक्चर के अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स पढ़ना अनिवार्य नहीं है। इसके अलावा फैशन टेक्नोलाजी और पैकेजिंग टेक्नोलाजी में प्रवेश के लिए भी 12वीं में पीसीएम पढ़ना अनिवार्य नहीं है।

एआइसीटीई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'किन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पीसीएम को वैकल्पिक बनाया जा सकता है, इस पर सिफारिश करने के लिए हमने एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी। समिति की सिफारिशों के आधार पर तीन पाठ्यक्रमों का चयन किया गया है।' पीसीएम के अलावा इन तीन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्रता वाले विषयों में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रानिक्स, इंफारमेशन टेक्नोलाजी, बायोलाजी, इंफारमैटिक्स प्रैक्टिसेस, बायोटेक्नोलाजी, टेक्नीकल वोकेशनल सब्जेक्ट, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज और एंटप्रिन्योरशिप शामिल हैं।


कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए आरक्षित होंगी दो सीटें

एआइसीटीई ने फैसला किया है कि आगामी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से सभी संबद्ध पोलिटेक्निक संस्थानों में पीएम केयर्स योजना के तहत आने वाले कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए प्रत्येक पाठ्यक्रम में दो अतिरिक्त सीटें आरक्षित रहेंगी। इस आरक्षण से अन्य बच्चों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि इस प्रविधान के तहत छात्रों का प्रवेश करने वाले संस्थानों को अपनी स्वीकृत क्षमता में दो सीटें बढ़ाने की अनुमति होगी।

नए इंजीनियरिंग कालेजों की स्थापना पर दो साल और रहेगा प्रतिबंध

एआइसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहाबुद्धे के अनुसार कुछ अपवादों को छोड़कर नए इंजीनियरिंग संस्थानों की स्थापना पर रोक को दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है। यह कदम सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा मौजूदा स्थगन को जारी रखने की सिफारिश के बाद उठाया गया है। एआइसीटीई ने 2020 में नए इंजीनियरिंग कालेजों की स्थापना को मंजूरी देने पर दो साल की रोक लगाई थी। अपवाद में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड सहित पारंपरिक, उभरते हुए, बहु-विषयक, व्यावसायिक क्षेत्रों में नए पालिटेक्निक शुरू करने का राज्य सरकार का प्रस्ताव शामिल है। अपवाद में कंपनी कानून, 2013 की धारा आठ के तहत स्थापित ट्रस्ट, सोसायटी, कंपनी के रूप में पंजीकृत कोई भी उद्योग शामिल है। शर्तों के तहत इनका न्यूनतम वाषिर्षक कारोबार 5,000 करोड़ रुपये (पिछले तीन वर्षों में) होना चाहिए।

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