61 textile companies will invest 19,077 crores, around 2.5 lakh jobs will be created


उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजना के तहत टेक्सटाइल क्षेत्र में 61 कंपनियों के आवेदन मंजूर किए गए हैं। टेक्सटाइल सचिव उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि 67 कंपनियों ने आवेदन दिए थे। चयनित कंपनियां 19,077 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी।

ढाई लाख के करीब नौकरियां
इस निवेश से प्रत्यक्ष रूप से 2.40 लाख नौकरियां निकलेंगी और 1,84,917 करोड़ रुपये के कारोबार की संभावना है। पीएलआइ स्कीम के तहत इन कंपनियों को पांच साल में प्रोत्साहन के रूप में 10,683 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। कंपनियों को हर वर्ष एक सीमा तक अपना उत्पादन और निर्यात बढ़ाना होगा।
उत्तर प्रदेश में आठ कंपनियां निवेश करेंगी
टेक्सटाइल सचिव ने बताया कि ये कंपनियां मुख्य रूप से मैन मेड फैब्रिक और अपैरल के उत्पादन के साथ टेक्निकल टेक्सटाइल का उत्पादन करेंगी। इसके तहत उत्तर प्रदेश में आठ कंपनियां निवेश करेंगी, लेकिन बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में इस स्कीम के तहत कोई निवेश नहीं हो रहा है।
गोवा ग्लास 1,654 करोड़ रुपये का निवेश करेगी
पीएलआइ स्कीम के तहत सबसे अधिक गोवा ग्लास 1,654 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। ट्राइडेंट का निवेश 1,609 करोड़, एमसीपीआइ का 1,383 करोड़ और शाही एक्सपोर्ट का 436 करोड़ का होगा। सिंह ने बताया कि चयनित कंपनियों को निवेश करने के लिए मार्च, 2024 तक समय दिया गया है। उसके बाद से पीएलआइ के पांच साल का समय शुरू होगा।
काटन कपड़ों की कीमत में मिल सकती है राहत
सिंह ने बताया कि बुधवार को सरकार ने काटन के आयात को पूरी तरह से शुल्क मुक्त कर दिया है। ऐसे में काटन के दाम में कमी की उम्मीद की जा रही है। इससे काटन कपड़ों के दाम में भी राहत मिल सकती है। पिछले एक साल से काटन की कीमत लगातार बढ़ रही थी और उसे देखते हुए ही काटन पर लगने वाले आयात शुल्क को समाप्त किया गया है।

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