To Take Care Skin In Summer: गर्मी का मौसम तेजी से दस्तक दे रहा है. दिन लगातार गर्म होते जा रहे हैं. एक बार जब गर्मी अपने चरम पर पहुंच जाती है, तो हम कुछ राहत के लिए मौसमी रस से भरे फलों की ओर रुख करते हैं. हम आमतौर पर इस मौसम को तरबूज, आम, लीची, पपीता, तरबूज और कई अन्य फलों को डाइट में शामिल करते हैं. गर्मियों में मिलने वाले फलों के पौष्टिक लाभों में वे हमारी त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए भी खासकर से फायदेमंद होते हैं. इसके साथ शरीर को हाइड्रेट तो रखते ही हैं. ज्यादातर लोग सोचते हैं कि फलों को खाने के बजाय सीधे लगाने से त्वचा और बालों को सबसे ज्यादा फायदा होता है. हालांकि, यह साफ करना जरूरी है कि अच्छी त्वचा और बालों के लिए फलों और सब्जियों के लाभों को प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें अपनी डाइट में शामिल करना है. बेशक, ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप फलों को फेस पैक या हेयर मास्क के रूप इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन यह मत सोचिए कि यह उन्हें खाने के लिए एक अच्छा पर्याप्त विकल्प बन जाएगा. हेल्दी स्किन के लिए फलों का सेवन करना जरूरी है.


1) तरबूज

तरबूज गर्मियों में सबसे अधिक उपलब्ध और खाए जाने वाले फलों में से एक है. तरबूज में कई एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो त्व
चा पर उम्र बढ़ने के संकेतों को दूर करने में मदद करते हैं, और इसे स्ट्रॉन्ग, यंग और हेल्दी बनाते हैं. तरबूज के बीज ज्यादा नहीं तो उतने ही फायदेमंद होते हैं जितने कि फल. फलों के बीजों में अनसेचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जैसे कि लिनोलिक एसिड, जो त्वचा को लोचदार और युवा बनाए रखते हैं.

2) अनन्नास

अनानास एक और फल है जो गर्मी के मौसम में बहुत ही आकर्षक होता है. यह लो कैलोरी वाला फल है जो फाइबर से भरपूर होता है. यह त्वचा में कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाता है, और क्षतिग्रस्त और मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है. यह एक साफ और हेल्दी स्किन को बढ़ावा देता है. अनानस त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है क्योंकि इसके एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को फ्री-रेडिकल क्षति के संकेतों से लड़ते हैं. इस फल को अपनी डेली डाइट का हिस्सा बनाने से उम्र बढ़ने के लक्षण और आपकी त्वचा पर फाइन लाइन्स का दिखना कम हो जाएगा.

3) पपीता

पपीता शायद स्किन केयर के लिए सबसे प्रसिद्ध फलों में से एक है. यह कई स्किन केयर प्रोडक्ट्स में एक सामान्य घटक है. यह विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है और इसमें बीटा-कैरोटीन और लाइकोपीन जैसे कैरोटीनॉयड भी होते हैं. साथ में ये पोषक तत्व त्वचा के लिए चमत्कार करते हैं. वे त्वचा को मुक्त-कणों की क्षति से बचाने में मदद करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप झुर्रियां और उम्र बढ़ने के अन्य लक्षण कम हो जाते हैं. जब सीधे चेहरे और शरीर पर उपयोग किया जाता है, तो पपीता बनावट और त्वचा की उपस्थिति में सुधार करने में मदद करता है.

4) चकोतरा

चकोतरा गर्मी के मौसम के लिए एक और बेहतरीन खट्टा फल है. सभी खट्टे फलों में चकोतरा में विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होती है, जो त्वचा में कोलेजन के उत्पादन के लिए आवश्यक है. डैंड्रफ और मुंहासों जैसी स्थितियों को कम करने में मदद करने के लिए चकोतरा के अर्क का उपयोग आमतौर पर स्किन और हेयर केयर प्रोडक्ट्स में किया जाता है.



 

The Indira Gandhi National Open University (IGNOU) has announced that it is going to admit students to the Post Basic Bachelor of Science Nursing Programme through an entrance test. This test will be valid for the batch commencing from January 2022. The two hour thirty minutes test will be held all over the country on Sunday, May 8, 2022.

The online submission of the application has already started on March 23, 2022, and it will remain open till April 17, 2022.

Post Basic Bachelor of Science Nursing Programme: Eligibility

The candidates who are willing to take admission for the course should have 10+2 with three years of experience as in-service Nurses, that is Registered nurses and Registered Midwife (RNRM). To get the Diploma in General Nursing and Midwifery (GNM), the candidate must have a minimum of two years of experience in the profession after RNRM. (For male nurses who have not done midwifery in the GNM programme should have a certificate in any one of the nursing courses of 6-9 months duration prescribed by the Indian Nursing Council in lieu of midwifery).

Or, In-service Nurses (RNRM) having Class 10 (Matriculation) or it's equivalent with three years, Diploma in General Nursing and Midwifery (GNM) with a minimum of five years of experience in the profession after RNRM. (For male nurses who have not done midwifery in the GNM programme should have a certificate in any of the nursing courses of 6–9-month duration prescribed by the Indian Nursing Council in lieu of midwifery)

Reservation Policy As Per Government Of India Rules

1. Age- There is no age bar for admission into the programme of the university

2. Registration- Submission of online application form for Post Basic BSc Nursing Programmes can be undertaken online at ignou.ac.in. Candidates can choose their exam city through the online registration system on a first come first serve basis.

3. Examination Fee- Rs 1,000 should be remitted through payment gateway, using a Credit Card or a Debit Card issued by Banks in India or through online Banking.

Use of mobile phones, electronic devices are strictly prohibited on the premises of the examination centre. Candidates shall be liable for penal action for possession, use of mobile phones, electronic devices. Kindly read the information bulletin carefully.


Prime Minister Narendra Modi will interact with students on the fifth edition of Pariksha Pe Charcha (PPC) 2022 today, April 1, 2022. PPC 2022 will be held at Talkatora Stadium in New Delhi at 11 am. The event can be watched live on the official social media handles of the Ministry of Education. The fifth edition of PPC will also be available to watch live on YouTube.

Pariksha Pe Charcha is an interactive session where Prime Minister Narendra Modi interacts with board exam students and answers their queries on exam stress and related issues.

More than 12.12 lakh students, 2.71 lakh teachers and 90,000 parents have registered themselves for PPC 2022. Highlighting the mission of Pariksha Pe Charcha, the slogan of the 5th PPC is ‘Pariksha Ki Baat, PM Ke Saath’.


अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषषद (एआइसीटीई) द्वारा मंगलवार को 2022-23 के लिए जारी मंजूरी प्रक्रिया हैंडबुक के मुताबिक आर्किटेक्चर के अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स पढ़ना अनिवार्य नहीं है। इसके अलावा फैशन टेक्नोलाजी और पैकेजिंग टेक्नोलाजी में प्रवेश के लिए भी 12वीं में पीसीएम पढ़ना अनिवार्य नहीं है।

एआइसीटीई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'किन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पीसीएम को वैकल्पिक बनाया जा सकता है, इस पर सिफारिश करने के लिए हमने एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी। समिति की सिफारिशों के आधार पर तीन पाठ्यक्रमों का चयन किया गया है।' पीसीएम के अलावा इन तीन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्रता वाले विषयों में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रानिक्स, इंफारमेशन टेक्नोलाजी, बायोलाजी, इंफारमैटिक्स प्रैक्टिसेस, बायोटेक्नोलाजी, टेक्नीकल वोकेशनल सब्जेक्ट, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज और एंटप्रिन्योरशिप शामिल हैं।


कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए आरक्षित होंगी दो सीटें

एआइसीटीई ने फैसला किया है कि आगामी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से सभी संबद्ध पोलिटेक्निक संस्थानों में पीएम केयर्स योजना के तहत आने वाले कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए प्रत्येक पाठ्यक्रम में दो अतिरिक्त सीटें आरक्षित रहेंगी। इस आरक्षण से अन्य बच्चों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि इस प्रविधान के तहत छात्रों का प्रवेश करने वाले संस्थानों को अपनी स्वीकृत क्षमता में दो सीटें बढ़ाने की अनुमति होगी।

नए इंजीनियरिंग कालेजों की स्थापना पर दो साल और रहेगा प्रतिबंध

एआइसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहाबुद्धे के अनुसार कुछ अपवादों को छोड़कर नए इंजीनियरिंग संस्थानों की स्थापना पर रोक को दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है। यह कदम सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा मौजूदा स्थगन को जारी रखने की सिफारिश के बाद उठाया गया है। एआइसीटीई ने 2020 में नए इंजीनियरिंग कालेजों की स्थापना को मंजूरी देने पर दो साल की रोक लगाई थी। अपवाद में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड सहित पारंपरिक, उभरते हुए, बहु-विषयक, व्यावसायिक क्षेत्रों में नए पालिटेक्निक शुरू करने का राज्य सरकार का प्रस्ताव शामिल है। अपवाद में कंपनी कानून, 2013 की धारा आठ के तहत स्थापित ट्रस्ट, सोसायटी, कंपनी के रूप में पंजीकृत कोई भी उद्योग शामिल है। शर्तों के तहत इनका न्यूनतम वाषिर्षक कारोबार 5,000 करोड़ रुपये (पिछले तीन वर्षों में) होना चाहिए।



रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश की न्यूक्लियर फ़ोर्सज़ को 'स्पेशल अलर्ट' पर रखा है. उनके इस क़दम से दुनिया भर में चिंता जताई जा रही है.

लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन का ये क़दम शायद यूक्रेन के साथ उनकी जंग में अन्य किसी देश को शामिल होने से रोकने के लिए है. इसे परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की इच्छा का संकेत नहीं माना जाना चाहिए.

दुनिया में 80 साल से परमाणु हथियार मौजूद रहे हैं. बहुत से देश उन्हें एक हथियार के तौर पर देखते हैं जो उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा की गारंटी देते हैं.

रूस के पास कितने परमाणु हथियार?

परमाणु हथियार की संख्या के आंकड़े अनुमान ही होते हैं लेकिन फ़ेडरेशन ऑफ़ अमेरिकन साइंटिस्ट्स नामक संस्था के मुताबिक रूस के पास दुनिया भर में 5,977 परमाणु हथियार हैं. इनमें से 1,500 एक्सपायर होने वाले हैं या पुराने हो जाने के कारण जल्द ही उन्हें तबाह कर दिया जाएगा.

बाक़ी के 4,500 हथियारों को स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन (रणनीतिक परमाणु हथियार) माना जाता है. इनमें बैलिस्टिक मिसाइलें और रॉकेट्स शामिल हैं जो लंबी दूरी तक मार कर सकते हैं. यही हथियार हैं जिन्हें परमाणु युद्ध के साथ जोड़कर देखा जाता है.